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बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ बादशाहपुर में हुआ रावण दहन : मुकेश जैलदार

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बादशाहपुर, 25 अक्तूबर (अजय) : बादशाहपुर में शिव शंकर रामलीला में अंतिम दिन दहशरा की रात्री को हर साल की तरह भगवान श्रीराम ने माता सीता को बचाने के लिए रावण का वध किया। लीला में दिखाई गई भारतीय संस्कृति में इस दिन को एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है, जिसको बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है।

शिव शंकर रामलीला में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे मुकेश जैलदार ने कहा कि रावण के पुतले को जलाकर उसकी मिथ्या और दुष्कर्मों का प्रतीक रूप माना जाता है। इस रामलीला के माध्यम हमे दुष्कर्मों का नष्ट करने और धार्मिकता तथा ईमानदारी के मूल्यों को बढ़ावा देने का संदेश मिलता है। रामलीला से हमे संदेश मिलता है कि सच्चाई और न्याय हमेशा बुराई, भ्रष्टाचार और अन्य दुष्कर्मों को मिटाने की शक्ति को जीत मिलती है।

 इस अवसर पर बादशाहपुर के रामलीला मैदान में हर हर की अपेक्षा इस बार रिकॉर्ड भारी भीड़ हजारों की संख्या में दर्शक रावण दहन और रामलीला देखने पहुंचे जहां इस बार पुलिस प्रशासन की भी मोजुदगी रही। दशहरा इस बार सभी के लिए एक उत्सव के रूप में रहा, जोकि समाज में एकता, सद्भाव और न्याय का संकेत करता है। 33 वर्षो की वर्षगाँठ शिव शंकर रामलीला के पदाधिकारियों द्वारा इस बार मनाई गई जहां विभिन्न समाज सेवियों एवं गणमान्य लोगों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

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