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कृष्‍ण जन्‍माष्टमी के अवसर पर मंदिरों में हुई विशेष सजावट, सजी झांकियां

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PBK NEWS | नई दिल्‍ली। भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की तैयारी में सभी मंदिर सज गए हैं। कान्‍हा के जन्‍म की खुशी हर ओर छाई है। ऐसे में ब्रज की छटा अद्भुत होती जा रही है। सोमवार को गोकुल में छठपूजन के साथ तीन दिवसीय महोत्सव शुरू हो जाएगा। प्राचीन केशवदेव मंदिर मल्लपुरा में सोमवार की रात कन्हाई जन्मेंगे।

श्रीकृष्ण के जन्म स्थान और अन्य मंदिरों में जन्मोत्सव 15 अगस्त की रात को मनाया जाएगा। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर हर्ष और उल्लास छाने लगा है। श्रीकृष्ण जन्म स्थान पर श्रद्धालुओं का रेला बढ़ता जा रहा है। मथुरा में 15 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। जन्माष्टमी पर श्रद्धालु गोविंद नगर द्वार से जन्म स्थान पर प्रवेश कर सकेंगे और निकासी मुख्य द्वार से होगी। श्रद्धालु दिनभर जन्मभूमि के दर्शन कर सकेंगे। भागवत भवन, श्रीकेशवदेवजी, योगमाया, गिरिराज, कारागार आदि के दर्शन मंगलवार रात डेढ़ बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुले रहेंगे।

गोकुल में भी जन्मोत्सव की तैयारी जोरों पर हैं। छठ पूजन सोमवार शाम साढ़ सात बजे होगा। जन्मोत्सव 15 अगस्त को रात 12 बजे मनाया जाएगा। नंदोत्सव 16 अगस्त को मनाया जाएगा। प्राचीन केशव देव मंदिर मल्लपुरा में 14 अगस्त को जन्मोत्सव मनाया जाएगा। अभिषषेक के दर्शन रात 10 से 11 बजे तक होंगे। जन्म के दर्शन रात 12 से एक बजे तक श्रद्धालु कर सकेंगे। 16 अगस्त को सुबह नौ बजे से नंदोत्सव मनाया जाएगा।

दिल्‍ली के सभी बड़े मंदिरों में भी जन्‍माष्टिमी की धूम देखने को मिली रही है। मंदिरों में कान्‍हा की झांकियां सज गई हैं। स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम मंदिरों में देखने को मिल रहे हैं।

जन्‍माष्‍टमी को लेकर भ्रम क्‍यों? 
भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी की मध्य रात्रि को भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए हर साल इस तिथि में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। लेकिन समस्‍या यह है कि इस साल जन्माष्टमी की तिथि को लेकर लोगों में भ्रम है। इस उलझन की वजह यह है कि 14 अगस्त को पूरे दिन सप्तमी तिथि है। लेकिन शाम 7 बजकर 35 मिनट से अष्टमी तिथि शुरू हो रही है। हालांकि अष्टमी तिथि 15 अगस्त को पूरे दिन है और शाम 5 बजकर 42 पर नवमी तिथि लग रही है। अष्टमी तिथि का दो दिन लग जाना लोगों को उलझन में डाले हुए है।

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