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बसपा एमएलसी पर दस दिनों में निर्णय करे केंद्र: सुप्रीम कोर्ट

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PBK NEWS | नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि बसपा एमएलसी पर दस दिनों में केंद्र निर्णय करे। चीफ जस्टिस जेएस खेहर व जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच ने कहा कि कंपनी मामलों का मंत्रालय बताए कि मोहम्मद इकबाल पर मामला चलाना है कि नहीं। बसपा नेता पर मुखौटा कंपनियों से मनी लांड्रिंग के जरिये 1374 करोड़ रुपये खपाने का आरोप लगा है।

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एसएफआइओ (सीरियस फ्राड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस) व ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गईं। अदालत ने माना कि रिपोर्ट देखने पर पता लग रहा है कि कई कंपनियां एमएलसी ने खड़ी कीं। ईडी के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह ने बेंच को बताया कि वह इस मामले में कोई भी कार्रवाई करने में असमर्थ हैं, क्योंकि सीबीआइ व एसएफआइओ ने अभी तक कोई केस दर्ज नहीं किया। अदालत ने कहा कि ये स्टेटस रिपोर्ट केंद्र सरकार को दो दिनों के भीतर उपलब्ध कराई जाए, जिससे उन्हें फैसला लेने में आसानी रहे।

एडीशनल सॉलीसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने अदालत को बताया कि 101 मुखौटा कंपनियां खड़ी करके मनी लांड्रिंग की गई। सोमवार को सीबीआइ ने भी अपनी स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में बंद लिफाफे में पेश की। बेंच ने माना कि रिपोर्ट पर नजर डालने के बाद लगता है कि मनी लांड्रिंग के लिए बसपा नेता ने मुखौटा कंपनियां खड़ी की थीं। यह मामला तब सामने आया था जब उत्तर प्रदेश के नेता रनवीर सिंह ने बसपा एमएलसी पर संगीन आरोप लगाए थे। उनके अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि शिकायत पर सीबीआइ ने संज्ञान नहीं लिया। उधर, बसपा नेता मोहम्मद इकबाल का कहना है कि उनके खिलाफ दायर शिकायत पक्षपात पूर्ण है। पारिवारिक कारोबार से उनका लेना देना नहीं है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अपनी पहले की रिपोर्ट में कहा था कि जांच से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा से बसपा एमएलसी का संबंध है। कुशवाहा पर एनआरएचएम घोटाले का आरोप था। माना जा रहा है कि घोटाले की रकम को बसपा एमएलसी ने ठिकाने लगाया।

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