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ऑपरेशन के बिना फिजियोथेरेपी से भी ठीक होना सम्भव जोड़ों का दर्द : डॉ. श्रृंगारी

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बादशाहपुर, 14 जनवरी (अजय) : बदलती जीवनशेली तथा रोजाना की भगमभाग के दौर में लोग जोड़ों के दर्द से ज्यादा पीड़ित रहने लगे है इस बीमारी में बुजुर्गो के साथ साथ अब 40 की उम्र के लोग भी अधिक शामिल होने लगे है आज जोड़ों तथा घुटने के दर्द की शिकायत करने वाले लोगों में सामान्‍य आयु के लोग भी शामिल हो चुके हैं। सोहना रोड टीकरी में स्थित पोलरिस अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रृंगारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मानव शरीर में पैरों के साथ बीच में बने घुटने भी बहुत महत्‍वपूर्ण होते है। घुटनों से ही पैरों को मुड़ने की क्षमता मिलती है। लेकिन कई कारणों से घुटनों में दर्द होने लगता है। वैसे तो चोटों, उम्र, मोटापा, संरचनात्मक असामान्यताएं, मांसपेशियों में लचीलेपन की कमी भी इसके लिए अधिक जिम्‍मेदार कारक होते हैं। लेकिन कुछ बीमारियों गठिया, बर्साइटिस और मांसपेशियों के दर्द आदि भी जोड़ों के दर्द का कारण होते हैं। इसके उपचार के लिए हमे थोड़ी तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए उक्त बातें डॉ. श्रृंगारी ने अस्पताल में एक रोगी की जांच करते हुए कही

डॉक्टर सुझाव :

डॉ. श्रृंगारी कहते है कि हड्डी औऱ जोड़ों का दर्द बहुत तकलीफदेह हो सकता है। हड्डी औऱ जोड़ों की बीमारियों से दर्द औऱ चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है। इनमें से कुछ समस्याओं के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है, लेकिन अधिकांश समस्याएं योग, फिजियोथेरेपी तथा दवाओं से ठीक हो जाती हैं। हड्डियों का दर्द और खिंचा-खिंचा महसूस होना-एक या एक से अधिक हड्डियों में दर्द या तकलीफ महसूस होना। हड्डियों का दर्द, जोड़ों के दर्द की तुलना में कम पाया जाता है।  हड्डियों के दर्द का कारण स्पष्ट हो सकता है,  जैसे-हड्डियां टूटना या अस्पष्ट हो सकता है, जैसे ज्वाइंट पेन या आर्थ्राल्जिया को एक या अधिक जोड़ों के दर्द के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। यह जोड़ों के आस-पास के लिगामेंट, बसाइ या टेंडोंस में से किसी संरचना में चोट के कारण हो सकता है।

 

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