[post-views]

बंगाल में 16000 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन कोई बड़ी बात नहीं

107

नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि 50000 में से 33 फीसदी सीटों पर अगर चुनाव में किसी ने हिस्सा नहीं लिया तो ये कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि पंचायत चुनावों में यूपी में 57 फीसदी, हरियाणा में 51 और सिक्किम में 67 फीसदी सीटों पर इसी तरह के हालात रहे. आयोग ने कहा कि चुनाव आयोग कभी भी पार्टियों को चुनाव लड़ने को नहीं कहता. अगर कोई शिकायत मिलती है तो आयोग तुरंत कदम उठाता है, दोबारा चुनाव भी कराता है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि अगर कोई शिकायत दर्ज करता तो समझा जा सकता है. लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं है. किसी की तरफ से इस बात को नहीं कहा गया कि वह चुनाव लड़ना चाहता था और उसे लड़ने से रोका गया. राज्य सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ता बीजेपी है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि इस मामले में कोर्ट अनुच्छेद 32 के तहत सुनवाई नहीं कर सकता. पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नहीं था, लेकिन अब इलेक्ट्रॉनिक मीडिया है. खासकर चुनाव के समय वह हर चीज को कवर करता है. उसके बाद भी ये कहना कि जिन सीटों पर निर्विरोध चुनाव जीते हैं वह सही नहीं है, गलत है. अगर ऐसा कुछ होता तो मीडिया में आता जरूर. किसी उम्मीदवार ने कोई शिकायत नहीं की. आज के समय में ये संभव ही नहीं है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि चुनावी मामले में यह पूरी तरह से राजनीतिक प्रयास है. सरकार ने कहा कि दूसरी पार्टियों को पता है कि कौन जीत रहा है इसलिए वे चुनाव नहीं लड़तीं. उसके बाद इस तरफ की याचिका को कोर्ट में दाखिल करती है. राज्य सरकार की तरफ से बहस पूरी कर ली गई.

तृणमूल कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि याचिका, जो दूसरी राजनीतिक पार्टियों की तरफ से दाखिल की गई है, सुनवाई योग्य नहीं है.ऐसा कोई मामला नहीं है जिसमें किसी उम्मीदवार को नामांकन दाखिल करने से रोक गया हो. 11 अप्रैल को जब याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई उसी समय कोलकाता हाई कोर्ट में दाखिल की गई. हाई कोर्ट ने BJP पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया था. सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी.

Comments are closed.