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चाइना की लाइट्स के साथ ई-पटाखे खरीद रहे हैं लोग -पटाखों में शोर और रोशनी तो होगी, लेकिन धुआं नहीं होगा

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नई दिल्ली। इस साल चांदनी चौक और लाला लाजपत राय मार्केट में आनेवाले लोगों की भीड़ घर सजाने के लिए लाइट्स के साथ ई-पटाखे खरीद रहे हैं। चीन से आयतित इन ई-पटाखों से शोर और रोशनी तो होगी, लेकिन धुआं नहीं होगा। एक विक्रेता ने बताया, ‘ई-पटाखे पर्यावरण के लिए ठीक हैं और पूरी तरह से ईको-फ्रेंडली हैं। इनमें किसी तरह के केमिकल के जलने की गुंजाइश नहीं है, इसलिए धुएं से प्रदूषण भी नहीं होगा। इन्हें इलेक्ट्रिसिटी के जरिए जलाया जा सकता है और रिमोट कंट्रोल से भी इनका प्रयोग हो सकता है।’ पटाखों की लड़ी या झालर जैसे दिखनेवाले इन ई क्रैकर्स को ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है। इन पटाखों की आवाज भी बहुत तेज नहीं है। सरकार की तरफ से पटाखों की आवाज को लेकर मानक तय हैं। इसके तहत पटाखों की आवाज 65 डेसिबिल से अधिक नहीं होनी चाहिए।

एक अन्य पटाखा विक्रेता ने कहा, ‘सरकार की तरफ से तय मानकों के तहत ही इन पटाखों की आवाज है। ई-पटाखों से प्रदूषण नहीं होता और इनसे किसी को भी चिंतित होने की जरूरत नहीं है।’ सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आदेश जारी किया है कि दिल्ली-एनसीआर में सिर्फ ग्रीन पटाखे ही चलाए जा सकते हैं। इस आदेश के बाद अब लोगों के पास ज्यादा विकल्प नहीं हैं और ई-पटाखे ही उनके लिए अच्छा विकल्प हैं। लोगों का कहना है कि पटाखे चलाने को लेकर बच्चों में काफी उत्साह रहता है और ई-पटाखे कम से कम बच्चों की इच्छा पूरी कर सकते हैं। पर्यावरण के लिहाज से ई-पटाखे अच्छे हैं, लेकिन यह त्योहारी सीजन में शहरवासियों के जेब पर बोझ बढ़ानेवाले हैं। ई-पटाखों की कीमत कम नहीं है और एक बॉक्स के लिए आपको 1500 रुपए देने पड़ सकते हैं। एक विक्रेता ने बताया कि मार्केट में ई-पटाखे पहले से ही हैं, लेकिन पिछले साल से ही इनकी बिक्री में वृद्धि हुई है। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लोगों ने ई-पटाखे खरीदना शुरू किया। दिवाली के त्योहार में शॉपिंग में दो चीजें खास होती हैं रोशनी और पटाखे। प्रदूषण के कारण पिछले कुछ साल से दिवाली में आतिशबाजी को लेकर लोगों का रुझान कम हुआ है।

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