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कठुआ मामले की सीबीआइ से जांच के लिए अड़े लोग, कैंडल मार्च का आयोजन

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कठुआ । कठुआ मामले में क्राइम ब्रांच की जांच से असंतुष्ट लोग सीबीआइ या फिर किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराने की मांग पर अडिग हैं। शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के पूर्व वन मंत्री चौधरी लाल सिंह ने कठुआ स्थित आवास पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर सीबीआइ से जांच कराने के विषय पर चर्चा की। सूत्रों के अनुसार पूर्व मंत्री ने कार्यकर्ताओं को जगह-जगह धरना प्रदर्शन करने के लिए कहा है। सोमवार को शहर में कैंडल मार्च का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को उपस्थित रहने का आह्वान किया गया है। उधर, सीबीआइ जांच की मांग को लेकर कूटा में जारी आमरण अनशन 28वें दिन भी जारी रहा।

आमरण अनशन पर बैठे रसाना के राधेश्याम तथा तृप्ता देवी की स्वास्थ्य जांच हुई। शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह का काफिला जब राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरा तो हिंदू एकता मंच के सदस्य उन्हें काले झंडे दिखाने की तैयारी में थे, लेकिन एसडीपीओ(सब डिवीजनल पुलिस ऑफिसर) रघुवीर सिंह के आग्रह करने पर उन्होंने काले झंडे दिखाने का इरादा बदल दिया।

कठुआ मामले को लेकर चुप्पी साध लेने से लोगों में जनप्रतिनिधियों के प्रति रोष है। जब कोई मंत्री कठुआ की तरफ आता-जाता है तो इसकी सूचना अन्य कस्बों के लोग हिंदू एकता मंच को दे देते हैं, ताकि कूटा में उन्हें काले झंडे दिखा कर अपना रोष जता सकें। उधर आमरण अनशन पर बैठे लोगों के समर्थन में पूर्व सरपंच कांत कुमार, भागमल खजूरिया, आरोपी सांझी राम की बेटी मधु व अन्य महिलाओं ने भी धरना दिया। कूटा के पूर्व सरपंच कांत कुमार का कहना है कि जब तक मामला सीबीआइ को नहीं सौंपा जाता, आमरण अनशन जारी रहेगा।

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