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सावित्री जिंदल के पीए के भतीजे की हत्या में सात दोषियों को आजीवन कारावास

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PBK NEWS | हिसार। पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल के पीए ललित शर्मा के भतीजे बिट्टू उर्फ संजय शर्मा की हत्या के मामले में अदालत ने सात दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले के एक दोषी को आर्म्स एक्ट 7 साल कैद की सजा सुनाई गई है। बिट्टू की 24 जनवरी 2014 को पुष्पक पुष्पा कॉप्लेक्स में हत्या हुई थी।

बता दें, जिला अतिरिक्त एवं सत्र न्यायाधीश अजय पराशर की अदालत ने बिट्टू उर्फ संजय शर्मा की हत्या करने के मामले आठ आरोपियों को तीन दिन पूर्व दोषी करार दिया था।  इस वारदात में 13 आरोपी शामिल थे। इनमें दो जुवेनाइल हैं, जबकि सबूतों के अभाव में सतेंद्र खत्री और सोनू बाबा को बरी कर दिया गया है। कुख्यात एवं इनामी बदमाश विनोद पानू उर्फ काना की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

मामले में खास बात यह कि तीन गवाह थे, जो कि काना की गिरफ्तारी न होने और उसके द्वारा मिल रही धमकियों के कारण मुकर गए थे। अदालत ने गवाहों के मुकरने पर मामले से जुड़े विभिन्न पहलुओं को आधार मानकर उक्त आरोपियों को दोषी करार दिया गया।

बता दें कि हत्या मामले में आरोपी दिनेश पुनिया और विकास उर्फ मोगली जमानत पर थे। अदालत ने मामले में आरोपियों को दोषी करार दिया तब दोनों भी पेश हुए थे। अदालत में पहुंचने पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। दिनेश पुनिया पर कुछ दिन पहले गांव भगाना में एक व्यक्ति पर गोलियां चलाकर हत्या प्रयास करने का केस दर्ज हुआ था।

ये था मामला

अभियोग के अनुसार पुष्पा कॉम्प्लेक्स में 24 जनवरी 2014 को प्रॉपर्टी डीलर मॉडल टाउन निवासी संजय उर्फ बिट्टू शर्मा की विनोद पानू उर्फ काना व उसके साथियों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस को दिए बयान में मृतक के छोटे भाई कृष्ण कुमार शर्मा के बयान पर पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध धारा 302, 148, 149, 120 बी और शस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था।

कृष्ण कुमार शर्मा ने आरोप लगाया था कि उसके भाई बिट्टू शर्मा का पुष्पा कॉंम्प्लेकेस में दफ्तर था। वारदात के दिन दोपहर 3 बजकर 9 पर सूचना मिली थी कि बिट्टू शर्मा की हत्या हो गई है। वह पूर्व मंत्री के पीए एवं अपने चाचा ललित शर्मा को साथ लेकर पुष्पा कॉंम्प्लेकेस पहुंचा था। जब वह सीढ़ियां चढ़ रहा था, तब कुछ लोग नीचे उतर रहे थे। उनके पास पिस्तौल थी। फिर उन्हें लाडवा निवासी सतेंद्र पुनिया मिला था, जो कि उसके भाई के साथ प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता था।

उसने बताया था कि थुराना निवासी विनोद पानू उर्फ काना ने अपने साथियों के साथ मिलकर बिट्टू को गोलियां मारकर हत्या कर दी। कृष्ण ने आरोप लगाया था कि उसके भाई के साथ सूर्य नगर वासी दिनेश पुनिया का रुपये के लेन-देने को लेकर झगड़ा चल रहा था। उसी ने रंजिशन वारदात को अंजाम दिया था। वही साजिशकर्ता था। पुलिस ने बयान लेकर कार्रवाई करते हुए आरोपियों की धरपकड़ शुरू कर दी थी लेकिन काना हाथ नहीं लगा। इस वजह से अदालत में मामले पर सुनवाई के दौरान गवाह भी जान का खतरा होने के भय से गवाही से मुकर गए थे।

News Source: jagran.com

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