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मॉब लिंचिंग के लिए सरकार भी जिम्मेदार कम नही : वशिष्ठ गोयल

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गुड़गांव 27 जुलाई (अजय) : भीड़ द्वारा हिंसा के दौरान लोगों की जानें ले लेना तथा सरकारी सम्पति को नुकशान पहुंचाने के पीछे सरकार भी जिम्मेदार कम नही होती नवजन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ठ कुमार गोयल ने बोलते हुए कहा कि सरकार चाहे तो अपनी खुफिया विभाग की जानकारियों तथा प्रशासन की मुस्तेदी से इन घटनाओं पर अंकुश लगा सकती है लेकिन फिर भी सरकारें इसमें असफल होती है और इस तरह की घटनाएँ हो जाती है कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि एक और कानून बना देने से इस समस्या का हल निकलना कठिन है। मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए दृढ़ इच्छा की जरूरत है, जिसका सरकार में अभाव है। राज्य सरकारें चाहतीं तो वर्तमान कानूनों के दायरे में ही हिंसा फैलानेवालों पर कार्रवाई कर सकती थीं। विशेषज्ञों ने यूपी के एक मामले का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस ने खुद इसे सड़क दुर्घटना से संबंधित विवाद बताकर रफा-दफा करने की कोशिश की। विशेषज्ञों की आपत्ति में दम है। भीड़ की हिंसा को जायज ठहरानेवाले बयानों और राज्य सरकारों के ठंडे रवैये ने संदेह पैदा किया है। कुछ सत्तासीन राजनेताओं द्वारा हमले के आरोपियों को सम्मानित करने से भी लगा कि इन घटनाओं के जरिए सियासी स्वार्थ साधने की कोशिश भी चल रही है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का रवैया उनके लिए एक इशारा है। अगर उन्होंने भीड़ की हिंसा का किसी भी रूप में समर्थन किया तो वे भी दोषी माने जाएंगे। नया कानून बनने में अभी वक्त लगेगा लेकिन निचली अदालतों के लिए दिशा साफ हो गई है। उन्हें मॉब लिचिंग के दोषियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाना होगा। आशा है, केंद्र और राज्य सरकारें भी कोर्ट की इन गाइडलाइंस का पालन करेंगी।

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