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खेमका ने फिर फोड़ा ट्वीट बम, पूर्व IAS राजन के बहाने सरकार पर साधा निशाना

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PBK NEWS | चंडीगढ़। अपने तबादलों और ट्वीट से चर्चा में रहने वाले आइएएस अशोक खेमका ने एक नया ट्वीट कर फिर हलचल मचा दिया और उन्‍हाेंने राज्‍य सरकार की मंशा पर निशाना साधा है। खेमका ने हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (हरेरा) के चेयरमैन पद पर रिटायर्ड आइएएस राजन गुप्ता की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं। खेमका ने वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील का म्युटेशन (इंतकाल) रद किया था। बाद में राजन गुप्ता सहित आइएएस अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी बनाइ्र गई। इस कमेटी ने खेमका के फैसले को गलत ठहराते हुए डील को क्लीन चिट दी थी।

राजन गुप्ता को हरेरा चेयरमैन बनाने पर जताया विरोध

खेमका ने अपने ट्वीट में कहा है कि 2012 में जिस अधिकारी ने वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील को क्लीन चिट दी है, अब उसे मलाईदार पद देकर पुरस्कृत किया गया है। इस पद को हासिल करने के लिए जरूर कोई न कोई गुप्त मंत्रणा हुई होगी। इस कामयाबी में जरूर गहरे राज छिपे हैं।

खेमका का ट्वीट- जिसने वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील को क्लीन चिट दी उसे मलाईदार पद क्यों

भाजपा सरकार ने राजन गुप्ता को हरेरा की पंचकूला पीठ का चेयरमैन बनाया है। इस पद के लिए रिटायर्ड न्यायाधीश अनिल कुमार सिंह पंवार भी दौड़ में थे। हाईकोर्ट ने पंवार को डेरा सच्चा सौदा सिरसा की तलाशी के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था।

भाजपा सरकार ने गुरुग्राम पीठ के लिए सीनियर आइएएस अधिकारी डा. केके खंडेलवाल को भी चेयरमैन नियुक्त किया है। खंडेलवाल और गुप्ता की चेयरमैन के रूप में नियुक्ति के आदेश नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग ने रविवार रात को जारी किए हैं। बिल्डर्स से जुड़े तमाम मामलों के निपटान के लिए यह पीठ काम करेंगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दोनों अधिकारियों की नियुक्ति को मंजूरी प्रदान की है। राजन गुप्ता इसी साल सितंबर में रिटायर हुए हैं। खंडेलवाल अगले साल रिटायर होंगे, लेकिन अब उन्हें वीआरएस लेनी होगी। पीठ के चेयरमैन का कार्यकाल पांच साल का होगा।

पांच साल पहले दी थी तीन अफसरों ने डील को क्लीन चिट

पिछली हुड्डा सरकार ने 2012 में वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील का इंतकाल रद होने के बाद तीन सीनियर अधिकारियों की कमेटी बनाई थी। इस कमेटी में कृष्ण मोहन, केके जालान और राजन गुप्ता शामिल थे। तीनों अब रिटायर हो चुके हैं। इन अधिकारियों की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा था कि खेमका ने म्युटेशन गलत रद किया है। कमेटी का कहना था जब म्युटेशन रद हुआ खेमका चकबंदी महानिदेशक के पद पर कार्यरत नहीं थे। उनका इस पद से तबादला हो चुका था।

केके जालान भी थे चेयरमैन बनने की दौड़ में

वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील को क्लीन चिट देने वाली कमेटी के एक अन्य सदस्य केके जालन भी हरेरा की गुरुग्राम पीठ का चेयरमैन बनने के लिए लाबिंग में लगे हुए थे। उन्हें लाबिंग के मामले में सीनियर आइएएस केके खंडेलवाल ने मात दी है और वह इस पद पर अगले पांच साल के लिए काबिज होने में कामयाब हो गए। खंडेलवाल पहले खेल विभाग में और अब शिक्षा विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं।

News Source: jagran.com

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