[post-views]

ज्ञानवापी व्यास में हिन्दुओं को पूजा का अधिकार मिलने से करोड़ों हिन्दुओं में ख़ुशी की लहर

कोर्ट फेसले का हिन्दू समुदाय के लोगों ने किया स्वागत

1,586

 बादशाहपुर, 31 जनवरी (अजय) : काशी ज्ञानवापी व्यास जी को लेकर वाराणसी जिला कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है, जिसमें काशी ज्ञानवापी व्यास जी को तहखाने में हिंदुओं को पूजा करने का अधिकार दिया गया है। यह फैसला हिन्दू समुदाय के लोगों में आनंद और उत्साह की लहर बरपाई है। जिस पर लोगों ने प्रतिकिय व्यक्त की है।

प्रेमसिंह का कहना है कि काशी ज्ञानवापी व्यास जी में हिंदुओं को पूजा करने का अधिकार कोर्ट द्वार दिया जाना न्यायिक फेसला है, जिसका वह स्वागत करते है, यह हिन्दुओं की आस्था का धाम है। वाराणसी जिला कोर्ट के न्यायाधीशों के इस फेसले ने करोड़ों हिन्दुओं को बड़ी सौगात दी है ।

फोटो : प्रेम सिंह

अजीत यादव नाहरपुर कहते है कि ज्ञानवापी व्यास जी फैसले के बाद हिन्दू समुदाय के लोगों में ख़ुशी की लहर है। कई लोगों ने इस अद्भूत कदम की सराहना की और यह बताया कि यह एक सामाजिक समृद्धि की दिशा में अहम कदम है। कोर्ट के इस फेसला का करोड़ों हिन्दू स्वागत कर रहे है।

फोटो : अजीत यादव नाहरपुर

सतीश नवादा का कहना है कि कोर्ट फैसले के बाद ख़ुशी के मौके पर वह न्याय प्रक्रिया का आभार व्यक्त करते है। यह वाकई हमारे लिए एक बड़ी जीत है। हमें अब अपने धार्मिक अधिकारों को मान्यता मिलेगी और हम अपनी पूजा को ज्ञानवापी व्यास जी में आत्मनिर्भरता से कर सकेंगे।

फोटो : सतीश नवादा

नीरज यादव कहते है कि यह एक सशक्त हिन्दू समुदाय की नींव रखने का समय है। धार्मिक स्वतंत्रता हमारे समृद्धि के मार्ग में एक महत्वपूर्ण कदम है। देश की न्याय पालिका के फेसलों का सभी को स्वागत करना चाहिए। वाराणसी कोर्ट ने एएसआई के सर्वे में मिले शबुतों के आधार पर हिन्दुओं को पूजा का अधिकार अपने फेसले में दिया है, जिसका करोड़ों हिन्दू स्वागत करते है।

फोटो : नीरज यादव

रोबिन राव कहते है कि ज्ञानवापी फैसले से सामाजिक समृद्धि और धार्मिक स्वतंत्रता की और एक नया कदम बढ़ रहा है, जिससे न्यायपालिका को और भी समर्थन और सम्मान मिलेगा। न्याय पालिका एवं एएसआई सर्वे एजेंसी अपना कार्य निष्पक्ष रूप से कार्य कर रही है, जोकि पहले नही कर पाती थी, आज हिन्दुओं को उनका हक मिल रहा है, जिसके लिए वह मोदी सरकार का आभार व्यक्त करते है।

फोटो : रोबिन राव

Comments are closed.