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पहली बार चीनी सेना ने दी युद्ध की धमकी, कहा- हमारी सेना को हिला पाना मुश्किल

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PBK NEWS | नई दिल्ली। डोकलाम सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच चल रही तनातनी के बीच पहली बार चीन के रक्षा मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वी कियान ने धमकी भरे अंदाज में भारत को धमकाते हुए कहा है, ‘समस्या का हल करने के लिए हमारी पहली शर्त है कि भारत पूरे बॉर्डर एरिया से तुरंत अपने सैनिकों को वापस बुलाए, पूरे क्षेत्र की शांति सीमावर्ती क्षेत्रों की शांति पर निर्भर करती है।’ उन्होंने कहा कि ‘पहाड़ को हिलाया जा सकता है, लेकिन चीनी सेना को नहीं हिलाया जा सकता।’

आपको बता दें कि डोकलाम को लेकर भारत और चीन में काफी दिनो से तनाव जारी है। वैसे तो चीनी सरकार और वहां की सरकारी मीडिया की तरफ से आए दिन इस तरह की धमकी आती रहती है लेकिन यह पहली बार है कि चीनी सेना ने बयान जारी कर इस तरह की धमकी दी है। चीन की सेना के प्रवक्ता वू कियान ने कहा, ‘अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के प्रति हमारा संकल्प कभी नहीं डिगने वाला है। हम हर कीमत पर अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के हितों की रक्षा करेंगे। क्षेत्र के हालातों को देखते हुए चीन की सेना ने कदम उठाए हैं। हम हालात को देखते हुए सेना की तैनाती बढ़ाएंगे।’

कियान ने कहा आगे कहा, ‘मैं भारत को याद दिलाना चाहता हूं कि वो किसी तरह के भ्रम न पाले। चीन की सेना का 90 साल का इतिहास हमारी क्षमता को साबित करती है। देश की रक्षा करने को लेकर हमारे विश्वास को कोई भी डिगा नहीं सकता। पहाड़ को हिलाया जा सकता है पीएलए (चीनी सेना) को नहीं।

कि़यान ने यह भी कहा कि इस घटना के जवाब में एक ‘आपातकालीन प्रतिक्रिया’ के तौर पर क्षेत्र में और अधिक चीनी सेना उतार सकती है। डोकलाम में सड़क निर्माण संबंधी कार्यों पर सफाई देते हुए कियान ने कहा, “जून के मध्य में, चीनी सेना ने एक सड़क के निर्माण की जिम्मेदारी ली थी। डोकलाम चीन का क्षेत्र है और चीन का अपने क्षेत्र में सड़क निर्माण करना एक सामान्य घटना है। यह एक वैध चीन की संप्रभुता की रक्षा करने संबंधी कार्य है।”

उन्होंने आगे कहा, “भारत द्वारा चीन के क्षेत्र में घुसना परस्पर मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय सीमा का एक गंभीर उल्लंघन है और जो अंतरराष्ट्रीय कानून के विरूद्ध है। हम अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के लिए किसी भी स्तर तक जा सकते हैं।’

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