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हड्डी कमजोर होने पर घबराएं नही, अपनाएं ये सरल विधि : डॉ. अंकित

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गुडग़ांव, 25 जुलाई (ब्यूरो) : आमतौर पर कुछ मरीजों में हड्डी कमजोर होने की बात पता चलने पर इलाज पर कई तरह के प्रयोग व अनाब सनाब पैसा खर्च करने के लिए लोग तैयार हो जाते है। जिसके बाद एक अजीब घबराहट भी पैदा कर लेते है ऐसी स्तिथि में मरीज को सावधानी तथा कुछ विधीयों पर ध्यान देने की बड़ी जरूरी है, जिससे की कमजोर हड्डियों का इलाज मिल सके। उन बिमारियों से छुटकारा मिल सके जिससे वह परेशान है उक्त बातें हड्डी रोग विशेषज्ञ स्पर्श अस्पताल के डॉ. अंकित भारतीय ने बोलते हुए कही। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को गठिया, साइटिका या रीढ़ की हड्डी या अन्य हड्डी से जुड़ी कोई परेशानी है तो उसके लिए गृद्धासन काफी कारगर उपाय हैं। इसके नियमित अभ्यास से काफी फायदा होता है।

गृद्धासन की विधि

– समतल स्थान पर कंबल आदि बिछाकर जमीन पर सीधा खड़े हो जाएं।

– फिर दाएं पैर को घुटने से मोडक़र बाएं पैर में रस्सी की तरह लपेटकर खड़े हो जाएं तथा पूरे शरीर का भार एक पैर पर डालें।

– इस तरह दोनों हाथों को भी आपस में इस तरह से लपेटें कि अंगूलियां गिद्ध की चोंच की तरह बन जाएं।

– हाथों को मुंह के सामने रखें।

– आसन की इस स्थिति में कुछ देर तक रहें और सामान्य स्थिति में आकर इस क्रिया को दूसरे पैर से भी करें।

– इसमें घुटनों को हमेशा मुड़े हुए रखें। इस आसन का अभ्यास शुरु में कठिन होता है।

– इस आसन को शुरु में करते समय किसी दूसरे की सहायता ले सकते हैं। बाद में बिना किसी की सहायता से ही करें। इस आसन में शरीर का पूरा भार एक पैर पर ही टिका होता है। इसमें शरीर का संतुलन बनाना आवश्यक है।

आसन से रोगों में लाभ

इससे पिण्डलियों की मांसपेशियां विकसित व सख्त बनती है। इससे पैरों व हाथों की हड्डियां मजबूत होती है तथा रीढ़ की हड्डी भी मजबूत होती है। यह आसन हाथ-पैरों को विकसित एवं पुष्ट करता है। यह गठिया तथा पुराने वातरोग, साइटिका पेन को ठीक करता हैं।

सावधानी

डॉ. अंकित भारतीय कहते है कि यदि आपको किसी तरह की बीमारी है तो किसी योग प्रशिक्षक से परामर्श अवश्य करें।

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