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रणनीतिक तौर पर सबसे अहम सीमा के लिए भारत चीन आमने सामने

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PBK NEWS | नई दिल्ली। चीन और भारत अपनी 3500 किलोमीटर लंबी सीमा में रणनीतिक लिहाज से सबसे अहम हिस्से पर दबदबा बनाने को लेकर आमने सामने है। यह हिस्सा भारतीय राज्य सिक्किम और छोटे से देश भूटान से सटा हुआ है जिसे डोकलाम पठार के नाम से जाना जाता है। जानकारों का कहना है चीन के साथ लगी पूरी सीमा में सिर्फ यही इलाका है जहां भारत को रणनीतिक तौर पर बढ़त हासिल है और चीन अब खुल कर इस पर दावा करने लगा है। शायद यही वजह है कि भारत सरकार ने चीन की तरफ से की जाने वाली कोशिशों के गंभीर परिणाम होने की बात कही है।

कूटनीतिक सूत्र बताते हैं कि भूटान के डोकलाम क्षेत्र में शुक्रवार को भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यहां स्थिति कुछ ऐसी है कि नाले के एक तरफ चीन की सेना, सड़क निर्माण से जुड़े सेना के तमाम श्रमिक और उनके भारी-भरकम मशीन हैं। दूसरी तरफ भारत के कुछ सौ सैनिक हैं। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों का दावा है कि दोनों तरफ फिलहाल स्थिति सामान्य है। सैन्य अधिकारी सीमा पार कर एक दूसरे स मुलाकात भी कर रहे हैं और सूचनाओं का आदान प्रदान कर रहे हैं। तनाव जैसी कोई स्थिति नहीं है। नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय और चीन के दूतावास और बीजिंग में भारतीय दूतावास व चीन के विदेश मंत्रालय के बीच लगातार विचार विमर्श भी चल रहा है। इसके बावजूद अभी जैसी स्थिति है वैसी पहले कभी नहीं रही है।

कूटनीतिक सूत्र बताते हैं कि भारत और चीन की सीमा को देखने से साफ हो जाएगा कि चीन की नजर इस पर क्यों है। सिक्किम और भूटान के बीच एक पूरे हिस्से पर चीन का पुराना दावा है। यह ऐसा इलाका है जिसे एक तरफ से सिक्किम की लंबी सीमा लगती है और धीरे धीरे भारत ने यहां सड़क मार्ग बना कर अपनी स्थिति काफी हद तक सुधार ली है। दूसरी तरफ चीन के हिस्से में 250 वर्ग किलोमीटर का ऐसा इलाका है जिसको लेकर भूटान और चीन के बीच विवाद चल रहा है। चीन इस हिस्से में ही सड़क निर्माण करने की रणनीति के साथ इस बार विवाद को भड़का रहा है। दूसरी तरफ भारत कभी नहीं चाहेगा कि चीन सड़क बनाने में कामयाब हो। क्योंकि चीन निर्मित सड़क का अंतिम भारत न सिर्फ सिक्किम के रिहाइशी इलाकों से काफी नजदीक हो जाएगा बल्कि वहां से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ने वाली सड़क की भी निगरानी की जा सकेगी।

वैसे पिछले तीन दशकों से भारत, चीन और भूटान के बीच इस पूरे इलाके में काफी हद तक शांति बहाल की अलग अलग वार्ताओं का दौर चल रहा है। एक तरफ भारत व चीन के बीच बात हो हरी है तो दूसरी तरफ चीन और भूटान के बीच वर्ष 1988 से द्विपक्षीय कोशिशें चल रही हैं। वर्ष 2012 में भारत व चीन के बीच सिक्किम सीमा से सटे अपनी सीमाओं के समाधान की सहमति बनी थी। लेकिन चीन ने 06 जून, 2017 से जिस तरह का रवैया अख्तियार करना शुरु किया है उससे पूरे हालात के बिगड़ने के आसार हैं।

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