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चीन ने क्यों कहा- अब खेलेंगे सिक्किम कार्ड, नहीं होगी मोदी-चिनफिंग मुलाकात

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PBK NEWS | नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है। चीन का सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स लगातार भारत पर अलग-अलग धमकियों के जरिए दबाव बनाने की कोशिशें कर रहा है। तो वहीं, ऐसा लगता है कि सिक्किम के पास डोकलाम इलाके में भारत और चीन के बीच जो तल्खी बढ़ी है उसका जल्द कोई कूटनीतिक समाधान नहीं निकाला गया तो स्थिति काफी गंभीर हो सकती है। क्योंकि पहले माना जा रहा था कि जी-20 बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच मुलाकात होगी, जिसे अब चीन ने रद कर दिया है।

सबसे बुरे दौर में भारत-चीन के रिश्ते
अब तक ऐसा माना जा रहा है था हेमबर्ग में होनेवाले जी-20 शिखर बैठक में प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति के बीच मुलाकात हो सकती है। और अगर ऐसा होता तो स्थिति में सुधार के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन, चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने साफ कर दिया है कि दोनों देशों के बीच संबंध ठीक नहीं हैं, लिहाजा यह मुलाकात नहीं हो सकती। वहीं दूसरी तरफ चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स से भारत को नई धमकी दी गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि भारत और चीन के बीच रिश्तों में यह तल्खी क्या मोड़ लेगी?

नहीं होगी मोदी-चिनफिंग मुलाकात: चीनी विदेश मंत्रालय
चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से यह कहा गया है कि सिक्किम के पास सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच जिस तरह से संबंध बिगड़े हैं ऐसे में जर्मनी में जी-20 बैठक के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक का यह सही अवसर नहीं है। चीन की तरफ से किए जा रहे सड़क निर्माण को भारतीय जवानों की तरफ से रोके जाने के बाद भूटान के पास डोकलाम इलाके में भारत और चीन पिछले करीब तीन हफ्ते से आमने-सामने हैं। भारत की तरफ से इस इलाके को डोका ला कहा जाता है और भूटान इसे डोकलाम बताता है, जबकि चीन ने इसे डोंगलांग क्षेत्र का हिस्सा बताकर अपना दावा जताया है।

क्या सिक्किम को अशांत करेगा चीन
भारत और चीन में बिगड़ी हुई स्थिति के बीच ग्लोबल टाइम्स कभी 1962 की लड़ाई का जिक्र कर भारत को इतिहास से सबक लेने की बात कर रहा है, तो कभी उससे भी ज्यादा बुरा हाल करने की धमकी दे रहा है। अब ग्लोबल टाइम्स ने चीन को नया पैंतरा अपनाने और 2003 के स्टैंड पर फिर से विचार करने को कहा है। चीनी अखबार आगे लिखता है कि हालांकि, 2003 में चीन ने सिक्किम को भारत का हिस्सा माना लिया था, लेकिन उसे अपने इस रुख पर फिर से विचार की जरूरत है। चीनी लोगों में भी सिक्किम को समर्थन को लेकर आवाज़ है। ऐसे में उस आवाज को फैलाकर सिक्किम को भारत से मुक्ति के लिए हवा देनी चाहिए। ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा है कि भारत ने पहले दलाई लामा का कार्ड खेलकर चीन को परेशान करने की कोशिशें की। लेकिन, अगर बीजिंग भारत के ऐसे संवेदनशील मुद्दे को छूता है तो यह नई दिल्ली के साथ डील करने में उसके लिए महत्वपूर्ण हथियार होगा।

क्या सच में होगी भारत-चीन लड़ाई?
चीन की तरफ से हैमबर्ग में जी-20 बैठक के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात की संभावनाओं को खारिज कर दिया गया है। वहां के अखबार ग्लोबल टाइम्स की तरफ से अब सिक्किम में अशांति को हवा देने की नई धमकी दी जा रही है। ऐसे में दोनों देशों के बीच जो स्थिति बनी है उस बारे में विदेश मामलों के जानकार कमर आगा ने  ख़ास बातचीत में बताया कि इस बात की बेहद कम संभावना है कि इतना सब कुछ होने के बावजूद चीन आकर भारत के साथ लड़ाई करेगा। उन्होंने बताया कि चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है। ऐसे में उसकी खुद की जिम्मेदारी शांति बनाए रखने की बनती है। अगर चीन भारत के खिलाफ किसी तरह की सैन्य कार्रवाई करता है तो वैश्विक समुदाय चुप नहीं बैठेगा। इसके अलावा, भारत की स्थिति अब पहले वाली नहीं है।

क्या है चीन की गीदड़भभकी?
कमर आगा की मानें तो भले ही चीन इस वक़्त मौजूदा हालात को लेकर राष्ट्रपति चिनफिंग और पीएम मोदी की मुलाकात की संभावनाओं को खारिज कर रहा हो, लेकिन बीजिंग की पूरी कोशिश भारत को दबाव में लेने की है। ऐसे में जो स्थिति फिलहाल दोनों देशों के बीच बनी हुई है उसके अभी कुछ दिन और बने रहने की संभावना है। उन्होंने बताया कि भारत ने जो सेना वहां पर भेजी है वह आक्रामक मूड में नहीं, बल्कि वहां पर नॉन कंबेटिव मूड में है।

कई देशों के साथ बिगड़ा है चीन का संबंध
कमरा आगा ने बताया कि चीन के संबंध आज सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि कई देशों के साथ बेहद खराब हैं। दक्षिण चीन सागर के मसले पर जिस तरह वह पिछले दिनों फिलिपींस, वियतनाम समेत कई देशों को अपना दुश्मन बना लिया है। ऐसे में अगर भारत के खिलाफ किसी तरह की सैन्य कार्रवाई करना चीन के लिए इतना आसान नहीं है।

 

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