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दशरथ निधन व भरत मिलाप तक हुआ छटे दिन की रामलीला का मंचन

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बादशाहपुर, 20 अक्तूबर (अजय) : शिव शंकर रामलीला के छटे दिन बादशाहपुर में कलाकारों द्वारा महान लीला का आयोजन किया गया, जहां दशरथ, राम व सुमंत तथा अन्य कलाकारों ने अपने किरदारों से लोगों की आँखें नम कर दी। रामलीला में राम को वनवास मिलने का आदेश मिला और उन्हें अपने वनवास की यात्रा पर निकलना पड़ा था। इस परिस्थिति में राम के पिता राजा दशरथ ने अपने दुःख को व्यक्त किया और उनके जाने के बाद उनका विलाप किया। वनवास के दौरान राम की कठनाइयों को सोचते हुए पिता राजा दशरथ स्वर्ग को सिधार गये। इसी दिन भगवान् राम व भरत का एक दूसरे के साथ भाई भाई का बेहतरीन मिलन दिखाया गया, जिसे देख दर्शक भावुक हो गये। दर्शकों का कहना था कि रामलीला के माध्यम से राजा दशरथ के बीते हुए पल को हमेशा याद रखेंगे। बादशाहपुर में आयोजित शिव शंकर रामलीला के छटे दिन राम को वनवास मिलने पर उनके पिता दशरथ द्वारा विलाप व राम-भरत का मिलाप रामलीला के मंचन का महत्वपूर्ण हिस्सा था। इस दिन की लीला लोगों को रामायण की कहानी का सुंदर प्रस्तुतिकरण प्रदान करता है और उन्हें राम के परिवार के रिश्तों के आपसी संबंधों का गहरा उदाहरण देता है।

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