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चीन के युद्धाभ्यास के बाद दक्षिण चीन सागर पर अमेरिका की गश्त, बढ़ सकता है तनाव

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नई दिल्ली । अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध के बाद अब दक्षिण चीन सागर को लेकर भी तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। अमेरिका ने एक बार फिर से विवादित दक्षिण चीन सागर में गश्त कर चीन को खुली चुनौती दी है। इस क्षेत्र में 20 मिनट के अंतराल में 20 एफ-18 लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी और शक्तिशाली विमानवाहक पोत यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट पर उतरे व अपनी सैन्य ताकत का शक्ति प्रदर्शन दिखाया। दरअसल, चीन हमेशा से दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा जताता आया है, जिस कारण उसका कई पड़ोसी देशों के साथ विवाद चल रहा है। इसका विरोध करने में भारत का नाम भी शामिल है।

अमेरिका ने नियमित प्रशिक्षण बताया 

बता दें कि अमेरिका का परमाणु शक्ति वाला युद्धपोत एक कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का नेतृत्व कर रहा था। जिसे विवादित दक्षिण चीन सागर पर गश्त के लिए लाया गया था। हालांकि अमेरिकी सेना ने विवादित क्षेत्र में इसे नियमित प्रशिक्षण बताया है। दरअसल, यह युद्धपोत अमेरिका के डिफेंस सहयोगी फिलिपींस के पोर्ट की ओर बढ़ा है। आपको बता दें कि सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में नेवल पट्रोल (नौसैनिक गश्ती) करने वाला केवल अमेरिका अकेला देश नहीं है। यहां चीन, जापान और अन्य दक्षिणपूर्व एशियाइ देशों की नौसेनाएं गश्त करती रहती हैं। तीन दशक पुराने विमानवाहक पोत पर पत्रकारों से बात करते हुए स्ट्राइक ग्रुप कमांडर रीयर ऐडमिरल स्टीव कॉलर ने कहा, ‘हमने आसपास चीन के कई जहाज देखे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘वे उन नौसेनाओं में से एक हैं, जो दक्षिण चीन सागर में गश्त करती हैं लेकिन मैं आपको बता दूं कि हमने जिन जहाजों को देखा है उस पर पेशेवर काम ही हो रहे थे।’

कुछ दिन पहले चीन ने किया था युद्धाभ्यास

गौरतलब है कि अमेरिका के युद्धपोत ने ऐसे वक्त में दक्षिण चीन सागर में गश्त की है, जब कुछ दिनों पहले ही इस क्षेत्र में चीन की एयरफोर्स और नेवी ने बड़े पैमाने पर अभ्यास किया था। कुछ विश्लेषकों ने असामान्य रूप से इसे चीन की नौसेना की बढ़ती ताकत का प्रदर्शन माना था।

अमेरिकी सैन्य अधिकारी कॉलर ने कहा, ‘दक्षिण चीन सागर से होकर गुजरना हमारे योजना के हिसाब से नया नहीं है और न ही किसी प्रतिक्रिया के तौर पर ही है। यह एक संयोग है कि इसी समय पर ऐसा हो रहा है।’ कॉलर ने फिलिपींस के सैन्य अधिकारियों को भी एक लाख टन वजनी विमानवाहक पोत का टूर कराया और फ्लाइट ऑपरेशन को दिखाया। कॉलर ने कहा, ‘दक्षिण चीन सागर में और आसपास हम जो भी ऑपरेशन करते हैं या किसी भी जलक्षेत्र में जब हम होते हैं तो इसको लेकर एक अंतरराष्ट्रीय कानून है। इसी को हम मानते हैं।’

चीन-अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध के आसार 

पिछले कुछ वक्त से अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है, जिस कारण दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। अब दक्षिण चीन सागर पर अमेरिका की गश्त दोनों देशों के बीच इस तनाव को और बढ़ा सकता है। आशंका जताई जा रही है कि अमेरिकी जहाजों के बार-बार दक्षिण चीन सागर में आने से यह क्षेत्र जंग का मैदान भी बन सकता है। चीन अपने तटीय क्षेत्रों के आसपास अमेरिकी सैन्य ऑपरेशन को लेकर कड़ी आपत्ति जताता रहा है। यहां तक कि वह उस क्षेत्र को लेकर भी विरोध जताता है, जिसे अमेरिका अंतरराष्ट्रीय मार्ग बताते हुए स्वतंत्र नौवहन पर जोर देता है।

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