PBK NEWS | नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में नया शिक्षण सत्र (2017-18) बृहस्पतिवार से शुरू हो रहा है। कॉलेजों ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। रामजस कॉलेज में शुक्रवार को ओरिएंटेशन प्रोग्राम होगा। नए विद्यार्थियों के साथ किसी तरह की अभद्रता या रैगिंग न हो, इसको लेकर कॉलेज मुस्तैद हैं। कैंपस में रैगिंग न करने की हिदायत देने से संबंधित पोस्टर लगा दिए गए हैं। सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी।
सुरक्षा गार्ड भी जगह-जगह तैनात रहेंगे। कॉलेजों में रैगिंग न हो, इसको लेकर डीयू पहले ही निर्देश जारी कर चुका है। दिल्ली पुलिस, प्रॉक्टर, डीन स्टूडेंट वेलफेयर व अन्य विभागों के अधिकारियों की बैठक भी हुई है।
कालिंदी व एसआरसीसी कॉलेज में हुआ ओरिएंटेशन प्रोग्राम
कालिंदी कॉलेज और श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) में बुधवार को ओरिएंटेशन प्रोग्राम हुआ। इस अवसर कॉलेजों के प्रिंसिपल और शिक्षकों ने नए विद्यार्थियों को कॉलेज के बारे में जानकारी दी।
वरिष्ठ छात्रों ने उनका स्वागत किया। कालिंदी कॉलेज में छात्राओं को शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के लिए ऑडियो-विज़ुअल ओरिएंटेशन सत्र का आयोजन किया गया।
प्रिंसिपल डॉ. अनुला मौर्य ने छात्राओं का स्वागत किया। कॉलेज के 50 साल पूरे होने पर एक फिल्म भी दिखाई गई। एसआरसीसी कॉलेज में भी छात्र-छात्राओं को शिक्षकों ने संबोधित किया।
रैगिंग करने वालों की खैर नहीं
डीयू में यदि रैगिंग का मामला सामने आया तो दोषी छात्र का न केवल नामांकर रद होगा, बल्कि उसे जेल की हवा भी खानी पड़ेगी। डीयू के प्रशासनिक अधिकारी, दिल्ली पुलिस तथा दिल्ली परिवहन निगम के अधिकारियों ने बैठक कर रैगिंग को रोकने और शिकायतों के समाधान के लिए तैयारियों पर बातचीत की। एफएम से भी डीयू में रैगिंग रोकने की जानकारी दी जाएगी।
डीयू प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए परिसर में रैगिंग को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने और दोषी को कड़ा दंड देने की बात कही है।
रजिस्ट्रार का कहना है कि नॉर्थ और साउथ कैंपस सहित किसी भी कॉलेज में यदि रैगिंग की घटना होती है तो आरोपी के साथ कोई भी रियायत नहीं बरती जाएगी।
कॉलेज, हॉस्टल, हॉल या कैंपस के अंदर दुकानों पर भी रैगिंग की शिकायत मिलती है तो त्वरित कार्रवाई की जाएगी। नए सत्र की शुरुआत में किसी भी हॉस्टल में विद्यार्थियों के रिश्तेदारों के ठहरने की मनाही है। यदि किसी विद्यार्थी के कमरे को कोई पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई होगी।
रैगिंग और छेड़खानी को रोकने के लिए महिला कॉलेजों के सामने पुलिस के खास इंतजाम होंगे। रैगिंग के संबंध में कॉलेज के प्रिंसिपल और हॉस्टल के वार्डन से शिकायत की जा सकती है। कॉलेज परिसर में बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर भी रोक है। पुलिस कॉलेज में यातायात और अन्य सुरक्षा की देखरेख करेगी।
डीयू प्रशासन ने छात्रों को निर्देश दिया है कि वे सार्वजनिक वाहन से आएं। कैंपस में मोबाइल पेट्रोलिंग वैन भी दौरा करेगी। कॉलेजों के सामने महिला पुलिसकर्मी भी सिविल डेस में तैनात रहेंगी।
डीयू ने दिल्ली परिवहन निगम से यह अपील की है कि वह बसों में नंबर दे, जिससे एंटी रैगिंग और छेड़खानी संबंधी मामला सामने आने पर लोग संपर्क कर सकें।
दाखिले की तिथि एक दिन और बढ़ाई
दिल्ली विश्वविद्यालय में पांचवें कटऑफ के तहत दाखिले की तिथि एक दिन और बढ़ा दी गई है। अब छात्र बृहस्पतिवार तक दाखिला ले सकते हैं। छठा कटऑफ 22 जुलाई को निकाला जाएगा, जिसके तहत विद्यार्थी 25 जुलाई तक दाखिला ले सकेंगे।
जानकारी के अनुसार स्नातक में दाखिले के लिए 51 हजार विद्यार्थियों के आवेदन स्वीकार कर लिए गए हैं। इनमें से 47 हजार विद्यार्थियों ने फीस का भुगतान भी कर दिया है।
डीयू ने स्पष्ट किया है कि जो लोग पिछले कटऑफ में दाखिला लेने के योग्य थे और किसी कारण से दाखिला नहीं ले पाए थे, वे सभी छठे कटऑफ में दाखिला लेने के लिए योग्य हैं।
यदि कॉलेजों में सीटें खाली हैं तो उन्हें दाखिला मिलेगा। डीयू 25 जुलाई के बाद सामान्य वर्ग का दाखिला बंद कर सकता है।
केवल आरक्षित वर्ग के लिए बची सीटों पर दाखिले के लिए विशेष ड्राइव चलाया जा सकता है। उन्हें 31 जुलाई से 5 अगस्त के बीच दाखिला दिया जाएगा।
वहीं एनसीवेब में दाखिले की रफ्तार अब भी धीमी है। चार कटऑफ निकलने के बाद भी आधी सीटों पर भी दाखिले नहीं हो पाए हैं। एनसीवेब में 12500 सीटें हैं, लेकिन पांच हजार सीटों पर ही दाखिला हुआ है। कुछ कटऑफ सूची और निकाली जाएंगी।
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