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(मुंबई) 25 साल का था तब हर दिन आते थे सुसाइड के ख्यालः एआर रहमान

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मुंबई। देश और दुनिया में मशहूर म्यूजिक कम्पोज़र एआर रहमान ने अपनी जिंदगी को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि उनकी जिंदगी में ऐसा दौर भी आ चुका है जब उन्हें लगता था कि उन्हें सिर्फ नाकामयाबी ही मिलेगी और इस वजह से तकरीबन हर दिन सुसाइड का ख्याल आता था। ऑस्कर विजेता ने बताया कि दरअसल उनकी जिंदगी के सबसे कमजोर वक्त ने ही उन्हें मजबूत बनने में मदद की है। रहमान ने बताया कि कम उम्र में ही मेरे सिर से पिता का साया हट चुका था। इसके अलावा भी काफी कुछ ऐसा था जिसकी वजह से मुझे इसतरह के ख्याल आते थे। उन्होंने कहा हम में से कई लोग ऐसा सोचते हैं कि वो बेहतर नहीं हैं। लेकिन इन सभी ख्यालों नें मुझे बेख़ौफ़ बना दिया। मृत्यु अटल है, सबकुछ अपनी एक्सपायरी डेट के साथ आते हैं तो हम क्यों इस बात से डरें।
51 वर्षीय संगीतकार की जिंदगी में तब बदलाव आया जब उन्होंने चेन्नई में अपने घर के पीछे रिकॉर्डिंग स्टूडियों पंचथन रिकॉर्ड इन का निर्माण किया। उन्होंने बताया कि इस दौरान मुझे तकरीबन 35 फ़िल्में मिलीं लेकिन मैं उनमें से सिर्फ 2 ही फ़िल्में कर सका। रहमान कहते हैं, उस वक़्त मैं 25 साल का था और ये सब नहीं समझ सका।

ये सब कुछ खाने की तरह है अगर आप एक बार में काफी सारा खाना खा लेते हैं तो सुस्ती आने लगती है, इस हमें धीरे-धीरे प्रयोग में लाना चाहिए ये हमें चुस्त बने रखता है। रहमान महज 9 साल के थे जब उनके पिता आरके शेखर जोकि एक फिल्म स्कोर कम्पोजर थे, दुनिया को अलविदा कह गए और उनके हाथ में म्यूजिक की कमान थमा गए। रहमान कहते हैं कि 12 से 22 साल की उम्र के दौरान मैंने तकरीबन सब कुछ सीख लिया था और मैं इन सबसे बोर हो चुका था। हाल ही में अपनी बायोग्राफी ‘नोट्स ऑफ ए ड्रीम:द ऑथोराइज्ड बायोग्राफी ऑफ एआर रहमान’ की लॉन्चिंग के मौके पर एआर रहमान ने अपनी ज़िंदगी से जुड़ी कई बातें शेयर की। रहमान का कहना है कि उनकी यह किताब उन्हें जीवन के उन कोनों तक लेकर गई है, जो उनके लिए लंबे समय से विशेष रहे हैं। लेखक कृष्णा त्रिलोक द्वारा लिखित, लैंडमार्क और पेंगुइन रैंडम हाउस की मदद से रहमान की बायोपिक शनिवार को लांच की गई। रहमान ने कहा, ‘नोट्स ऑफ ए ड्रीम…’ मेरे लिए एक यात्रा रही है, जिसने मेरे जीवन के उन पलों को ताजा किया है, जो मेरे लिए विशेष रहे हैं। कृष्णा त्रिलोक के साथ व्यावहारिक बातचीत ने मेरे रचनात्मक और व्यक्तिगत जीवन के कुछ हिस्सों को उजागर किया है, जिसके बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते हैं।

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