[post-views]

वाघा सीमा पर रुका पाकिस्तान जाने वाला करोड़ों का भारतीय माल

65

PBK NEWS | अमृतसर। पाकिस्तान भारत के कारोबारियों को झटके के बाद झटके देते हुए अंतरराष्ट्रीय व्यापार संधि की धज्जियां उड़ा रहा है। भारत से पाकिस्तान निर्यात होने वाली सब्जियों व सोयाबीन पर रोक लगाने के बाद अब पाकिस्तान सरकार ने मसालों व मूंगफली दाना पर भी रोक लगा दी है। ये चीजें मुंबई से कराची और अटारी (अमृतसर) से वाघा (लाहौर) स्टेशनों पर रेल से भेजी जाती हैं। पिछले एक सप्ताह से पाक के दोनों रेलवे स्टेशनों से कोई भी भारतीय माल को पास करने के बाद बाहर बाजार में नहीं भेजा गया है।

फेडरेशन ऑफ करियाना एंड ड्राई फूट कामर्शियल एसोसिएशन के प्रधान अनिल मेहरा ने बताया कि इधर से मसालों में बड़ी इलायची, लाल मिर्च, सत इसबगोल और मूंगफली दाना पाकिस्तान को भेजा जा रहा है। व्यापारियों ने बड़ी मात्रा में उक्त सामान पाक भेजा और उससे कहीं अधिक मात्रा में मसालों तथा मूंगफली दाने आदि का स्टाक किया, ताकि आने वाले दिनों में पाक निर्यात किया जा सके।

मेहरा ने बताया कि पाक सरकार ने पिछले एक सप्ताह से लाहौर रेलवे स्टेशन या कराची रेलवे स्टेशन से कोई भी भारतीय माल पास नहीं किया। इससे भारतीय कारोबारियों का 200 करोड़ो रुपये से लेकर 300 करोड़ रुपये तक का नुकसान हुआ है। एक तरफ करोड़ों का माल वाघा स्टेशन पर तो करोड़ों का ही स्टाक कारोबारियों के गोदामों में बंद है। उन्होंने बताया कि इस बाबत जल्द ही प्रधानमंत्री को पत्र लिख रहे हैं, ताकि अपनी इंडो-पाक कारोबार नीति में बदलाव किया जाए।

वहीं पाकिस्तान से सीमेंट मंगवाने वाले कारोबारी विक्रांत अरोड़ा कहते हैं कि यह देश के कारोबारियों के लिए गंभीर मसला है। भारत सरकार को इस पर गंभीरता से विचार कर अपनी अंतरराष्ट्रीय आयात और निर्यात नीति में सुधार करने चाहिए। दो देशों के बीच संतुलित कारोबार होना चाहिए न कि एक ही देश से आयात या निर्यात।

वहीं, इंडो-पाक चैंबर्स आफ कामर्स के अध्यक्ष राजदीप सहगल ने कहा कि पाक सूचनाओं के मुताबिक यह अस्थाई रोक है। सुनने में आया कि पाक अपनी इंपोर्ट नीति में कुछ बदलाव कर रहा है, जिसके तहत भारत ही नहीं बल्कि उसने चीन व अन्य पड़ोसी देशों से आजकल इंपोर्ट पर रोक लगा रखी है। अगर पाक का खासकर इंडियन इंपोर्ट को लेकर लगातार यही बर्ताव रहता है तो इस पर भारत सरकार को भी विचार करना चाहिए।

News Source: jagran.com

Comments are closed.