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दक्षिण हरियाणा में बह रही बदलाव की आंधी : वशिष्ठ गोयल

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गुडग़ांव। नवजन चेतना मंच की ओर से सोहना कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया। इस मौके पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मंच के संयोजक वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि इस समय दक्षिण हरियाणा में बदलाव की आंधी बह रही है। किसी भी पार्टी का नेता हो या अभिनेता, अब यहां की जनता गुमराह होने वाली नहीं है। श्री गोयल ने कहा कि लोकसभा चुनाव के साथ हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, जिसको लेकर विभिन्न पार्टियों के वरिष्ठ नेता क्षेत्र में चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि हरियाणा में सरकार बने 4 साल हो गए, ये नेता अब तक कहां थे? जब चुनाव सर पर आया है तो इन नेताओं को जनता की याद क्यों आ गई है? जो लोग आज किसान, व्यापारी और मजदूरों के साथ हो रहे अन्याय की बात करके जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं वे इससे पहले कहां थे? सवाल यह उठता है कि क्या अब नेशनल पार्टियों के नेता जब चुनाव नजदीक हो तभी जनता के बीच जाएंगे?
वशिष्ट गोयल ने कहा कि पिछले 2 महीनों में गुडग़ांव से लेकर फरीदाबाद, मेवात, सोहना, तावडू, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ समेत अन्य क्षेत्रों में कई पार्टियों के नेता अपनी रैलियां कर चुके हैं, जहां जनता ने ऐसी रैलियों से किनारा करके यह जरूर बता दिया है कि अब दक्षिण हरियाणा का नागरिक जागरूक हो चुका है। दक्षिण हरियाणा के नागरिकों को पता है कि इस बार प्रदेश में किसका साथ देना है और किसकी सरकार बनानी है।
दक्षिण हरियाणा से बनाएंगे मुख्यमंत्री
उन्होंने कार्यकताओं की बात सुनने के बाद कहा कि सोहना समेत पूरे दक्षिण हरियाणा में बेरोजगारी का आलम है। हजारों कंपनियां होने के बाद भी यहां के बेराजगार युवाओं को रोजगार नहीं दिया जाता। हरियाणा सरकार भी ऐसी कोई नीति नहीं ला रही है जिससे कि यहां के लोगों को रोजगार मिले। यही नहीं सरकारी नौकरियों एवं ट्रांसफर पोस्टिंग में भी दक्षिण हरियाणा के लोगों के साथ भेद-भाव किया जाता है। सिर्फ नौकरी ही क्यों विकास के मामले में भी हरियाणा अलग राज्य बनने से लेकर आज तक दक्षिण हरियाणा के साथ भेद-भाव किया गया। वशिष्ठ गोयल ने विश्वास के साथ कहा कि अब ऐसा नहीं होगा। जनता जाग चुकी है और इस बार दक्षिण हरियाणा से ही राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनेगा।
मेवात के दर्द को किसी ने नहीं सुना
मेवात का जिक्र करते हुए वशिष्ठ गोयल ने कहा कि हरियाणा राज्य का सबसे पिछड़ा क्षेत्र है मेवात। राज्य बनने के बाद से अब तक किसी ने भी मेवात के पिछड़ेपन और बेरोजगारी दूर करने के लिए ध्यान नहीं दिया। पहाड़ बंद होने से मेवात में भुखमरी का माहौल है। बेरोजगारों को ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं बनाया जाता। ऐसे में सवाल उठता है कि वहां के लोग रोजी-रोटी के लिए आखिर जाएं तो कहां? एक तो सरकार मेवात के साथ भेदभाव कर रही है वहीं दूसरी ओर मेवात को बदनाम किया जाता है। ऐसे में मेवातवासियों की दूसरे प्रदेशों में प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है। वशिष्ठ गोयल ने कहा कि अगर नव जन चेतना मंच के सहयोग से प्रदेश में अगली सरकार बनती है तो सबसे पहले शासन प्रशासन को दुरूस्त किया जाएगा, उसके बाद मेवात समेत पूरे दक्षिण हरियाणा में विकास की गति को तेज किया जाएगा। साथ ही मेवातासियों को फिर से मान-सम्मान और प्रतिष्ठा दिलवाने का काम करेंगे।
इस बैठक में मंच के अध्यक्ष डॉ सर्वदानंद आर्य, विनोद नंबरदार, डॉ संजय दायमा, राजकमल सिंगला, अरूण अरोड़ा, गौरव मोंगिया, कृष्ण यादव, मुकेश सैनी, यशपाल सैपी, पवन, हैप्पी सिंह, राजपाल फौजी, किशन चंद, पप्पू कुमार, ओमबीर गहलोत, अजीत दायमा कादरपुर, सुधन बंधवाड़ी, देव भाटी बेहरामपुर, भागीरथ सैनी, विकास गर्ग, घनश्याम सैनी , डॉ शाहिद, हथीन, रमेश सचदेवा, गुडग़ांव आदि मौजूद रहे।

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